पितृपक्ष समाप्त होने के अगले दिन शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं है क्योंकि इस साल अधिक मास लग गया है। अधिक मास तीन साल में चंद्रमा और सूर्य के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए आता है। इसे मल मास, लौंद महीना और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस साल अधिक मास आज से शुरू हो गया है जो 16 अक्तूबर तक रहेगा। इन दिनों में भगवान विष्णु और शिव के पूजन का विशेष महत्व होता है।
श्री बांके बिहारी मंदिर में सेवायत अनंत गोस्वामी जी ने बताया पुरुषोत्तम मास का महात्म्य–
बह्मा जी से वरदान प्राप्त करके असुर राज ने जब पृथ्वी पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया तब आधार शक्ति धरा माता हिरण्यकशिपु के अत्याचारों से पृथ्वी को दुखी देखकर भगवान श्री विष्णु नृसिंह के रूप में अवतार धारण करके खम्भ से प्रकट होकर हिरण्यकशिपु को अपनी जंघाओ पर पटक कर कहने लगे देख ब्रह्मा जी ने जो वरदान तुझे दिये थे उन्हें याद कर देख में कौन हूँ।
हिरण्यकशिपु कहने लगा, न आप नर हैं, न सिंह हैं, आप तो स्वयं नरसिंह हैं। उन्होंने हिरण्यकशिपु से कहा देख तुझे मारने के लिए मैंने एक महीना अधिक बनाया है, न तू आकाश में है, न पृथ्वी पर, न बाहर है न भीतर, न ऊपर है न नीचे तू मेंरी जंघाओ पर है और भगवान श्री नरसिंह ने हिरण्यकशिपु का उद्धार कर दिया ।
अधिक मास संक्रान्ति हीन होता है इसलिये इस मास का कोई स्वामी न होने से इसे मल मास कहकर निषिद्ध मानकर छोड दिया। उस अवस्था में ये मल मास भगवान की शरण में गया और विनती करने लगा कि है नाथ आपने मुझे क्यो बनाया, मैं इतना बुरा हूं कि मुझे आने पर सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं ।
भगवान ने कहा कि तुम मेंरी शरण में आये हो इसलिए आज से मैं तुम्हारा स्वामी हूं और आज से तुम्हारा नाम पुरुषोत्तम मास होगा तुम्हारे आने पर किये गये धार्मिक कार्यो का जीव मात्र को अनन्तगुणे फल की प्राप्ति होगी।
कथा कीर्तन दान थर्म,अन्नदान ब्राह्मण भोजन, सत्कर्मों, जप पाठ ये सभी अनन्तगुणे पुण्य की प्राप्ति करायेंगे। इसलिए भगवान के वरदान के कारण इस अधिक मास में किये हुए सत्कर्मों का फल प्राप्त होता है। यह हर तीन वर्ष में आता है अबकी बार ये 18-9-2020 से 16-10-2020 तक है, अधिक मास में अधिक से अधिक सत्कर्म करें और अपने जीवन को धन्य बनावे।
इस पावन महिने में ठाकुर जी के वर्षभर के सभी मनोरथ किये जाते है ,जैसे, होली,दिवाली,जन्माष्टमी, गोपाष्टमी, महारास,झूला आदि सभी मनोरथ करके भगवान को प्रसन्न करके अपने जीवन को धन्य करें।
अनंत गोस्वामी जी ने आगे कहा कि ठाकुरजी से प्रार्थना है कि आप सभी पर अपनी कृपा बनाये रखें और सबको अपने सभी संकल्पको को पूर्ण करने की सामर्थ और शक्ति दें। खूब आंनद से भजन करें और भक्ति के पथ पर अग्रसर हो। इस दिव्य मास का लाभ उठाएं और ज्यादा से ज्यादा ठाकुरजी के चिंतन स्मरण में ही अपना समय व्यतीत करें।
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