भगवान Vishwakarma Puja 2020 इस साल 16 सितम्बर को मनाई जा रही है|हर साल विश्वकर्मा पूजा आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को की जाती है| मान्यता है की इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था| भारत के पूर्वी प्रदेशों जैसे असम, त्रिपुरा, वेस्ट बंगाल, ओड़िशा, बिहार, झारखंड में इसका बड़ा महत्व है| कुछ स्थानों पर इसे 17 सितम्बर को भी मनाया जायेगा| पुराणों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा वास्तुदेव के पुत्र हैं। इन्हे पहला शिल्पकार अथवा वास्तुकार माना जाता है अर्थात जो निर्माण करता हो|
विश्वकर्मा ने ही ब्रह्मा जी की सृष्टि के निर्माण में मदद की थी इसके अलावा भगवान कृष्णा के कहने पर इन्होने ही पांडवो के लिए विश्व सभा का निर्माण किया था जो की पूरी तरह माया से रचित थी| आसान शब्दों में कहे तो भगवान विश्वकर्मा को इंजीनियर भी कहा जा सकता है क्यूंकि वे निर्माण कला में निपुण थे| भगवान विश्वकर्मा ने कई प्रकार के अस्त्र एवं शस्त्रों का निर्माण भी किया था| श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी का निर्माण भी Bhagwan Vishwakarma ने ही किया था|
Vishwakarma Puja का महत्व
ऐसी मान्यता है की किसी भी निर्माण कार्य को करने से पहले भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना शुभ होता है| इसलिए घर हो या दुकान तकनीकी कार्य शुरू करने से पहले इनका पूजन किया जाता है। आज के दिन विधिपूर्वक भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से रोजगार और बिजनेस में तरक्की मिलती है।
इसलिए भी की जाती है भगवान विश्वकर्मा की पूजा
विश्वकर्मा की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना गया था, प्राचीन काल से अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं| मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उन पर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं|इस दिन फैक्ट्री कारखानों में मशीनों के पूजा का भी बड़ा महत्व माना जाता है|
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